ऊई अम्मा ! ऊई अम्मा!!
संत राम बजाज
“मैडम, तामिल नाडू से अर्जेंट कॉल है”, सोनिया गांधी के सेक्रेटरी ने ख़बर दी|
“किस का है?”
“जी, वह अपना नाम शशीकला बताती है|”
“अरे, कहीं वह जयललिता की छोटी बहन तो नहीं ?”, सोनिया जी बोलीं|
“ जी, बहन तो नहीं है, लेकिन उस की गद्दी सम्भालने के लिये हाथ पाँव मार रही है और ‘छोटी अम्मा’ कहलाती है|
“हाँ, हाँ, उस पनीर बेचने वाले ने उस से गद्दारी कर दी है|”
“जी उन का नाम पन्नीरसेल्वम है|”, सेक्रेटरी बोला|
“कुछ भी हो, पर यह हम से क्या चाहती है, हमारी सरकार तो अब है नहीं ? उसे तो उस चाय बेचने वाले मोदी के पास जाना चाहिये |”
“पता नहीं जी, पर बड़ी दुखी लग रही थी, फोन पर रो रही थी और कह रही थी , ‘मैटर ऑफ लाईफ़ एंड डैथ’| सो मैं ने उन्हें होल्ड पर रखा है, आप बात करेंगी क्या?”
“हां कर लेती हूँ, क्या पता कब उसकी हमें भी ज़रूरत पड़ जाये|”
सोनिया जी ने फोन ले, हैलो कहा ही था कि शशीकला फूट फूट कर रोने लगीं, “सोनिया अम्मा !”
“अरे, मैं तुम्हारी अम्मा नहीं हूँ|”
“आप गुस्सा मत करिये, वैसे तो जयललिता को मैं अक्का (दीदी) कहती थी, पर सब उसे अम्मा और मुझे चिन्नमा (छोटी अम्मा), तो ज़बान पर अम्मा चढ़ गया है|
“अब आप ही मेरी अम्मा हैं, मैं बड़ी मुश्किल में हूँ, पन्नीरसेल्वम ने मेरे साथ विश्वासघात किया है| मैं ने उसे कुछ दिन के लिये CM बनने को बोला था और वह गद्दी छोड़ने को तैयार ही नहीं हैं जी| मुझे इस मुसीबत से निकलने का कोई रास्ता बताओ|”
“अब मैं भला इस में क्या कर सकती हूँ, मैं तो तुम्हारे उस ‘पनीरसेलर’ को जानती तक नहीं| और पहले क्यों नहीं बताया, अब जब चोरी हो चुकी है घर को ताला लगाने के लिये मेरे पास आई हो| और यदि वह ठीक आदमी नहीं था तो जैसे लालू प्रशाद ने बिहार में अपनी पत्नी राबरी देवी को सी.एम. बना दिया था तुम भी अपने पति नटराजन को बना देतीं|”
“किस शैतान का नाम ले दिया आप ने| वह परले दर्जे का चालू आदमी है, उस की वजह से तो मुझे अम्मा ने घर से निकाल दिया था| वह उस के नाम पे हेरा फेरी करता था| बड़ी मुश्किल से मैं ने अम्मा से माफी मांग कर उस के घर में वापसी की थी| इस शर्त पर कि मैं अपने पति से कोई लेन देन नहीं रखूंगी| यदि उसे बनाती तो, हमारी पार्टी में तूफ़ान मच जाता |
“अच्छा, फिर तो ठीक है, मेरा ख्याल है बिहार के ही नितीश कुमार से पूछो, वह भी ऐसी ही स्तिथि में फंसा था एक बार, तो उस ने उस मांझी से कैसे पल्ला छुडाया था|”
“मैडम, आप से बढकर और कौन सलाह दे सकता है| आप ने दस साल तक मनमोहन सिंह को अपना राज दिए रखा और सारी दुनिया जानती है कि असल ताकत आप के हाथ में थी, वह बेचारा तो बोलता भी नहीं था |”
सोनिया खुश हो कर बोलीं, “ऐसा हीरा कहीं और नहीं मिलेगा, और मेरे जैसा जौहरी ही उसे पहचान सका |”
“हां, वह तो है|”, शशीकला ने सोनिया जी को खुश करने के लिये हां में हां मिलाई|
सोनिया जी अब मूड में थीं, “एक बात कहूँ, बुरा मत माना : तुम्हारा लालच – मतलब CM बनने का लालच – ही तुम्हें इन हालात में ले आया है| तुम में मेरे जैसा त्याग नहीं है| और जो मज़ा कठपुतली नचाने में आता है, उस का नशा ही कुछ और है पगली|”
“पर, यह गवर्नर भी मेरे खिलाफ़ लगता है|”
“तुम फिर भूल कर रही हो| उस से पंगा मत लो| तुम्हारे खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है, हालांकि यह कोई बड़ी बात नहीं है | हमारे बोफोर्स केस को देखो, कुछ हुआ ?, कोई पकड़ा गया, किसी को सजा हुई ? नहीं ना| बस सब्र और हिम्मत की ज़रूरत है| पर्स को कंट्रोल में कर लो, यानी तिजौरी की चाबी आपने पास रखो तो बाकी सब काम ठीक होते जायेंगे|
मेरी मानो, तो डिक्लेयर कर दो कि तुम CM नहीं बनोगी| बाद में जब बनना चाहो, थोडा ड्रामा कर लेना और कह देना अम्मा तुम्हारे सपनों में आई थी और कहा कि अब समय आ गया है कि तुम मेरी तरह जिम्मेवारी सम्भालो| जल्दी से किसी भरोसेमंद का नाम पेश कर दो|”
“मैं ने भी यही सोचा था, इसीलिये आप को फोन किया था| अपना मनमोहन सिंह मुझे दे दो ! उधार में दे दो, या दान में दे दो|”
“क्या कहा छोटी अम्मा ? मनमोहन दे दूं? मनमोहन की ‘यूज़ बाई डेट’(use by date) खत्म हो चुकी है | सॉरी, तुम्हें कोई और बंदोबस्त करना होगा|”, यह कह सोनिया जी ने कनेक्शन कट कर दिया|
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