योग मिटाये रोग
संत राम बजाज
à¤à¤¾à¤°à¤¤ तो कà¥à¤¯à¤¾, पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देशों में à¤à¥€ आजकल योग का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° बहà¥à¤¤ ज़ोरों पर है| और तो और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में à¤à¥€ योगा की कà¥à¤²à¤¾à¤¸ लग रही हैं, à¤à¤²à¥‡ ही कà¥à¤› मà¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤“ं को इस बात पर आपतà¥à¤¤à¤¿ है|
संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° (UN) ने २१ जून को अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ दिवस घोषित कर दिया है|
à¤à¤¾à¤°à¤¤ के हर छोटे बड़े शहर में बड़े पैमाने पर कैमà¥à¤ª लगाठजा रहे हैं, और सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव के नाम का बोलबाला है| टी वी चैनोलों और डी.वी.डी पर उन के बताये हà¥à¤ योगा के आसन, लाखों लोग करते हैं| सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ राम देव जी का तो यह दावा है कि हर रोग को वह योग दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ठीक कर सकते हैं|
हम इस विवाद में नहीं पड़ेंगे कि यह संà¤à¤µ है कि नहीं, लेकिन यह बात तो सतà¥à¤¯ है कि योगा à¤à¤• बहà¥à¤¤ ही पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ और कठिन साधना है, जो मानसिक और शारीरक रोगों में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² में लाई जाती है| और यह à¤à¥€ सतà¥à¤¯ है कि बहà¥à¤¤ सारे लोग उसे केवल à¤à¤• exercise की तरह ही समà¤à¤¨à¥‡ लगे हैं|
हम à¤à¥€ यहाठउसी पहलू पर ही बात करेंगे – बात à¤à¥€ कà¥à¤¯à¤¾, मैं तो केवल आप-बीती सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ की चेषà¥à¤Ÿà¤¾ कर रहा हूठ”¦
हमें à¤à¥€ शौक हà¥à¤†, या यूठकहिये कि इस की ज़रूरत महसूस हà¥à¤ˆ , कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि शरीर में कà¥à¤› ढीलापन आने लगा था|
टीवी के सामने बैठगये और पूरे धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ के साथ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी की हर बात को देख और सà¥à¤¨ कर, वैसा ही करने लगे|
“पालती मार कर बैठो, कमर सीधी, पैरों के अंगूठे शरीर के साथ, दायाठपैर बाईं जांघ पर और बायां पैर दाहिनी जांघ पर ”¦”
कहने, सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ और करने में बहà¥à¤¤ अंतर होता है…कई बार कोशिश करने पर à¤à¥€ यह टांगों की अदलाबदली नहीं हो पा रही थी, कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी की आवाज़ आई,”कोई बात नहीं, आधे ही से काम चलेगा”|
हमें à¤à¤¸à¥‡ लगा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी सब कà¥à¤› देख रहे हैं ..
खैर आधे पोज़ से ही काम चलाना पड़ा .. योग की मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ में बैठकर, हर हाथ के अंगूठे को पहली उंगली के साथ लगा, आà¤à¤–ें मोंद कर ॠका उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ करना था| फिर “नाक के दाहिने नथने को दाहिने अंगूठे से बनà¥à¤¦ करके दूसरी ओर से सांस लो, रोको, फिर अंगूठे को हटा लो और दूसरे नथने को उंगली से दबा साà¤à¤¸ को दाहिने नथने से बाहर निकालो, यह है अनà¥à¤²à¥‹à¤®-विलोम पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤®”|
कोई मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² काम नहीं था, बचà¥à¤šà¤¾ à¤à¥€ कर ले”¦
अब बारी थी ”˜à¤•à¤ªà¤¾à¤² à¤à¤¾à¤¤à¥€’ की – नाम सà¥à¤¨ कर à¤à¤¸à¥‡ लगा कि कà¥à¤› खाने को कहेंगे पर नहीं यह तो काफ़ी कठिन पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® निकला|
( कपाल कहते है मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• के अगले à¤à¤¾à¤— को, और à¤à¤¾à¤¤à¥€ कहते है जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ को)
पेट को इतने ज़ोर से अंदर की ओर खींचो कि हडà¥à¤¡à¥à¤¯à¥‹à¤‚ का पिंजर दिखाई दे, फिर उसे अंदर ही अंदर चकà¥à¤•à¤° में घà¥à¤®à¤¾à¤“, फिर सांस को बाहर इस ज़ोर से निकालो कि धà¥à¤µà¤¨à¤¿ सी पैदा हो…”
बड़े जोखम का काम था! अब पेट महोदय अपनी जगह से हिलने का नाम ही नहीं लेते थे,साà¤à¤¸ को जैसे तैसे बाहर किया, परनà¥à¤¤à¥ दूसरी बार साà¤à¤¸ लेने में बड़ी कठिनाई महसूस हà¥à¤ˆ|
उलटा सीधा करने के बाद दूसरे आसन की पोज़ीशन लेनी थी| परनà¥à¤¤à¥ मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² यह कि पैर और जांघ à¤à¤¸à¥‡ चिपक चà¥à¤•à¥‡ थे कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अलग करने में काफ़ी तकलीफ हà¥à¤ˆ| घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‹à¤‚ पर à¤à¥€ बड़ा खिचाव पड़ा कि मà¥à¤‚ह से चीख सी निकल गई|
अब बारी थी ”˜à¤¶à¥€à¤°à¥à¤·à¤¾à¤¸à¤¨’ की – अब शीरà¥à¤·à¤¾à¤¸à¤¨ के गà¥à¤£ सà¥à¤¨ कर तो कोई à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¤¿à¤¤ उसे करे बिना नहीं रह सकता| पं: जवाहर लाल नेहरू हर रोज़ किया करते थे| पर समसà¥à¤¯à¤¾ थी तो सिर को दोनों हथेलियों में रख जमीन पर उलटा हो, दोनों टांगो को ऊपर सीधा कैसे रखा जाय? दीवार की मदद ले कर à¤à¤¸à¤¾ कर लिया परनà¥à¤¤à¥ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ देर तक यह पोज़ीशन क़ायम न रह सकी और टाà¤à¤—े डोलने लगीं और हम धड़ाम से à¤à¤• साइड को गिरे और वहाठपड़ी हà¥à¤ˆ à¤à¤• छोटी टेबल की टांग टूट गई| चलो शà¥à¤•à¥à¤° है कि हमारी टांग नहीं टूटी|
हम हिमà¥à¤®à¤¤ हारने वालों में नहीं हैं इसलिठअगले आसन को करने में जà¥à¤Ÿ गये|
पेट के बल लेट कर हाथों को पीछे ले जा कर के पाओं के अंगूठों को पकड़, कमान की तरह तन जाना था| अब आप से कà¥à¤¯à¤¾ छिपाना, सारा पिंजर हिल कर रह गया, माथे पर पसीना छूटने लगा|
इस के बाद बारी थी पीठपर लेटने की|
“दायें घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ को दोनों हाथों से पकड़, नाक की ओर लाओ, अब बायें घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ को पकड़ नाक की ओर लाओ| हर कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को दोहराओ आर अब दोनों घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‹à¤‚ को पकड़ नाक की ओर लाओ…”
दो à¤à¤• बार करने के बाद हालत à¤à¤¸à¥€ हो गई कि जैसे धोबी ने कपड़ा धो कर निचोड़ा हो, पर अà¤à¥€ सà¥à¤–ाने के लिये न डाला हो|
अब बारी थी, ’सूरà¥à¤¯ नमसà¥à¤•à¤¾à¤° ’ की | सूरà¥à¤¯ नमसà¥à¤•à¤¾à¤° à¤à¤• संपूरà¥à¤£ à¤à¤•à¥à¤¸à¤°à¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤œ है। इसे करने से बॉडी के सà¤à¥€ हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ की à¤à¤•à¥à¤¸à¤°à¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤œ हो जाती है। इस के १२ पोज़ हैं| कà¥à¤¯à¤¾ बताà¤à¤‚ साहिब, बड़ा ही टेà¥à¤¾ मेढा है|
समà¤à¤¾à¤¨à¤¾ ज़रा मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² है, पर हम इस पोज़ीशन में नहीं रह गये थे कि किसी को à¤à¥€ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® कर सकें| कोशिश जरूर की पर हम अपना बैलेंस नहीं रख पाये और वह जो कहते हैं न ,’चारों खाने चित’ गिरे जमीन पर, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ सूरà¥à¤¯ नमसà¥à¤•à¤¾à¤° की बजाये धरती-नमसà¥à¤•à¤¾à¤° हो गया|
”¦.. अब नतीजा यह है कि कई दिनों से हम सीधे चल à¤à¥€ नहीं पा रहे हैं | पर कई लोग तो सोचने लगे हैं कि हम चलते चलते योगा कर रहे हैं|
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