शंकरी ताई के हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡…. संतराम बजाज
शंकरी ताई के हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में मेरा नाम à¤à¥€ शामिल है| मैं उस का फैमली डॉकà¥à¤Ÿà¤° जो हूà¤, इसलिठलोग मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ उस की मौत का बराबर का हिसà¥à¤¸à¥‡à¤¦à¤¾à¤° समà¤à¤¤à¥‡ हैं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह किसी à¤à¤• का काम नहीं हो सकता|
हमारे मोहलà¥à¤²à¥‡ की सब से पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€, करीब ८०/८५ वरà¥à¤· की, à¤à¤• किसà¥à¤® की धरोहर ही तो थी, जो कल चली गयी|
मैं à¤à¥€ इसी मोहलà¥à¤²à¥‡ में बड़ा हà¥à¤†,डाकà¥à¤Ÿà¤°à¥€ पास करने के बाद यहीं à¤à¤• छोटा सा कà¥à¤²à¤¿à¤¨à¤¿à¤• खोल लिया| उस के बेटे मेरे साथ ही पढ़ते थे और मà¥à¤à¥‡ वह अपने बेटों के बराबर ही समà¤à¤¤à¥€ थीं| उस के दोनों बेटे विदेश में, à¤à¤• अमेरिका, दूसरा ऑसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ में बसे हà¥à¤ थे|
शंकरी ताई ने जब आख़िरी सांस ली,उस के पास अपना कोइ à¤à¥€ न था|वह अकेली रहती थी| उस के पति की करीब 15 वरà¥à¤· पहले दिल का दौरा पड़ने से अचानक मृतà¥à¤¯à¥ हो गयी थी| वह सà¥à¤•à¥‚ल में टीचर थी और बाद में पà¥à¤°à¤¿à¤‚सिपल बन अब रिटायरमेंट का जीवन बिता रही थी|
यह बात नहीं है कि उस के बेटे उस की खबर नहीं रखते थे, वे तो उसे अपने साथ रखना चाहते थे परनà¥à¤¤à¥ शंकरी ताई अपना बà¥à¤¢à¤¾à¤ªà¤¾ ”˜à¤–़राब’ नहीं करना चाहती थी, वह अपने जान पहचान के लोगों में ही, अपने देश में ही रहना पसंद करती थी| बहà¥à¤¤ कहने पर à¤à¤• बार वह अपने बड़े बेटे के पास ऑसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ गयी à¤à¥€ थी|परनà¥à¤¤à¥ उस का जी नहीं लगा|और वह दो महीने बाद ही वापिस लौट आई| à¤à¤• बार फिर छोटे बेटे की जिदà¥à¤¦ पर अमेरिका à¤à¥€ गयी, पर वहां के तौर तरीके उसे जचे नहीं| उसकी बहू वहां नरà¥à¤¸ थी और जà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¾à¤¤à¤° रात की डà¥à¤¯à¥‚टी करती और फिर दिन à¤à¤° सोती थी|इसलिठघर में सारा दिन खामोशी का माहौल रहता था| यहां तक कि टॉयलेट को फà¥à¤²à¤¶ करने पर à¤à¥€ उस की नींद डिसà¥à¤Ÿà¤°à¥à¤¬ होती थी, टीवी का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था| सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ की तो वह बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥€ थी पर शंकरी ताई को यह घà¥à¤Ÿà¤¨ रास नहीं आई और वह वहां से à¤à¥€ जलà¥à¤¦ ही वापिस घर लौट आई|
दिलà¥à¤²à¥€ ही में कà¥à¤› à¤à¤• रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° थे, à¤à¤• à¤à¤¾à¤ˆ, à¤à¤• à¤à¤¤à¥€à¤œà¤¾ और à¤à¤• मौसेरी बहन, परनà¥à¤¤à¥ शंकरी ताई से उन की ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नहीं पटती थी| अकेले में ही रहना उस ने सीख लिया था| वैसे तो अपने सारे काम वह सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही करना पसंद करती थी और कर सकती थी,परनà¥à¤¤à¥ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के अनà¥à¤°à¥‹à¤§ पर उस ने दो ”˜à¤¹à¥‰à¤‰à¤¸ हैलà¥à¤ªà¤°’ रख लिठथे|
à¤à¤• नेपाली नौकर ”˜à¤›à¥‹à¤Ÿà¥‚’ और दूसरी बंगलादेशी मेड ”˜à¤•à¤®à¤²à¤¾’- उस के साथी थे| छोटू खाना बनाने में माहिर था, कपड़े धोना और बाज़ार से साग सबà¥à¤œà¥€ लाना उस का काम और à¤à¤¸à¥‡ ही मेड à¤à¥€ घर की सफाई, बरà¥à¤¤à¤¨ आदि धोने के इलावा उस की दवा दारू लाने की डà¥à¤¯à¥‚टी निà¤à¤¾à¤¤à¥€ थी|
शंकरी ताई à¤à¤• रिटायरà¥à¤¡ टीचर थी और उस में अà¤à¥€ à¤à¥€ वह टीचरों वाली काफी आदतें थें| हर à¤à¤• की गलतियां निकालना, बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को टोकते रहना और गली में कौन आता है, कौन जाता है, उन सब का ”˜à¤¹à¤¾à¤œà¤¿à¤°à¥€ रजिसà¥à¤Ÿà¤°’ उस के दिमाग में रहता था |
“ठशानà¥à¤¤à¤¿! तू अब बचà¥à¤šà¥€ नहीं रही, बंद कर लड़कों के साथ खेलना| घर के काम काज में माठका हाथ बटाया कर|”
“ओ लमà¥à¤¬à¥‚, कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ खेलना है तो साथ वाले मैदान में जा के खेल| यहाठखिडकियों के शीशे तू तोड़ेगा और मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤ तेरे बाप को उठानी पड़ेगी|”
“दूंगी कान के नीचे दो à¤à¤¾à¤ªà¤¡à¤¼ कालिà¤! कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¸à¥‡ कोई अपनी माठसे बात करता है|”
वैसे सब के साथ बड़े पà¥à¤°à¥‡à¤® से रहती थी, इसलिठउस की बातों का कोई बà¥à¤°à¤¾ à¤à¥€ नहीं मानता था|
खरà¥à¤šà¤¾ करने में काफी ”˜à¤²à¥€à¤šà¤¡à¤¼’ यानी कंजूस मानी जाती थी|सबà¥à¤œà¥€ बेचने वालों से काफी ”˜à¤šà¤¿à¤• चिक’ करती थी|, “राम सà¥à¤µà¤°à¥‚प, पिछली बार तू जो à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¡à¥€ दे कर गया था,सब पकà¥à¤•à¥€ थी|इस बार पैसे काट लूंगी| और अचà¥à¤›à¤¾, जरा दो तीन हरी मिरà¥à¤šà¥€ और डाल देना,छोटू को अचà¥à¤›à¥€ लगती हैं|” और जवाब में रामसà¥à¤µà¤°à¥‚प सबà¥à¤œà¥€à¤µà¤¾à¤²à¤¾ हंस देता, “आप की जैसी मरà¥à¤œà¥€ ताई जी| मैं तो आप को खराब चीज़ दे ही नहीं सकता| मोहलà¥à¤²à¥‡ में à¤à¤‚टà¥à¤°à¥€ बंद करवानी है कà¥à¤¯à¤¾ मैं ने? इस बार आप की पसंद की सà¥à¤ªà¥‡à¤¶à¤² खà¥à¤®à¥à¤¬à¥€ à¤à¥€ लाया हूà¤|”
वासà¥à¤¤à¤µ में शंकरी ताई à¤à¤¸à¥€ नहीं थी| बलà¥à¤•à¤¿ वह तो हमेशा ज़रूरतमंद या गरीब लोगों की सहायता करती रहती थी|चंदू धोबी, जो गली की नà¥à¤•à¥à¤•à¤¡à¤¼ पर कपडे à¤à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤¸ करता है, उस से अकà¥à¤¸à¤° उस के धंधे के बारे में पूछती रहती थी|
“कà¥à¤¯à¤¾ बतायें ताई जी, जब से ये बाबू लोग पैंट की बजाये जीन पहनने लगे हैं, धà¥à¤²à¤¾à¤ˆ और पà¥à¤°à¥‡à¤¸ का काम काफी मंदा हो गया है|”
शंकरी ताई चंदू के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को तहà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ पर नठकपड़े बनवा दिया करती, सà¥à¤•à¥‚ल की कापी किताबों खरीदने में à¤à¥€ कà¥à¤› मदद कर देती थीं| और ये वह कई और ज़रूरतमंद बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठà¤à¥€ करती रहती थी परनà¥à¤¤à¥ किसी दà¥à¤¸à¤°à¥‡ को कानो कान खबर तक नहीं होती थी| यहाठतक जिन के लिठकरती थी उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बिलकà¥à¤² मना कर देती थी किसी और को बताने को|
महीने में à¤à¤• बार वह छोटू को साथ ले बैंक जाकर अपने पेंशन अकाउंट से कà¥à¤› रकम निकाल कर मिठाईयां और कपड़े खरीद कर करीब की à¤à¥à¤—à¥à¤—ी à¤à¥Œà¤‚पडी के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में बांटती थी| ये वह अपने सà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय पति की याद में करती थी|
ज़िंदगी ठीक चल रही थी, लेकिन आयॠके साथ जà¥à¤¡à¥€ हà¥à¤ˆ कà¥à¤› बीमारियाठऔर समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤ à¤à¥€ अपना रंग दिखा रही थीं| घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‹à¤‚ में तकलीफ के कारण अब ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ घूम फिर नहीं सकती थी, घर के बरामदे में कà¥à¤°à¥à¤¸à¥€ पर बैठकर सब की ख़बर लेती रहती थी| फिर कà¥à¤› नाम à¤à¥‚लने लगी, कà¥à¤› चेहरे पहचाने नहीं जा रहे थे| वैसे ही बà¥à¤¡à¥à¤¬à¤¡à¤¼à¤¾à¤¤à¥€ रहती|
सब कà¥à¤› तो ठीक चल रहा था कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में कोविड-19 महामारी का अटैक हो गया|शà¥à¤°à¥‚ शà¥à¤°à¥‚ में तो इतना असर नहीं दिखा पर लॉक डाउन, फेसà¥à¤®à¤¾à¤¸à¥à¤•, सोशल डिसà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚सिंग की वजह से घबराहट होने लगी, लोग घरों से बाहर निकलने से डरने लगे| उधर सरकार की ओर से à¤à¥€ सखà¥à¤¤à¥€ होने लगी| सà¥à¤•à¥‚ल बंद, दफà¥à¤¤à¤° बंद | शंकरी ताई à¤à¥€ कमरे के अंदर ही बंद सी हो गयी|
à¤à¤¸à¥€ चिंताजनक हालत को देख, मेरे सà¥à¤à¤¾à¤µ पर शंकरी ताई के बेटों ने à¤à¤• फà¥à¤² टाइम नरà¥à¤¸ का पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध कर दिया| यह नरà¥à¤¸ उन की देखà¤à¤¾à¤² करती और रात को à¤à¥€ वही साथ वाले कमरे में सोती | बंगलादेशी मेड à¤à¥€ कà¥à¤› ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समय उन के साथ बिताने लगी| मैं à¤à¥€ हर दà¥à¤¸à¤°à¥‡ दिन खबर ले लेता और नरà¥à¤¸ से पूछ ताछ करता रहता| मोहलà¥à¤²à¥‡ वाले à¤à¥€ उस की देखà¤à¤¾à¤² करते थे, परनà¥à¤¤à¥ कोरोना के डर से आना जाना बहà¥à¤¤ कम हो गया था|
शंकरी ताई का à¤à¤• बेटा आया à¤à¥€, पर ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दिन नहीं रà¥à¤•à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जहाजी उड़ानें बंद होने जा रही थीं| शंकरी ताई का टेसà¥à¤Ÿ नेगेटिव निकला तो चिंता की कोई बात नहीं थी| कोरोना कà¥à¤› कम होता दिखाई दे रहा था, पर अचानक से दूसरी ”˜à¤µà¥‡à¤µ’ ने अटैक कर दिया| दूसरी लहर ने तो सब को à¤à¤¸à¥‡ पकड़ा कि सब बेबस हो गये| चारों ओर हाहाकार मच गया| असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ में बैड नहीं मिल रहे, ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ की कमी है, वेंटीलेटर नहीं हैं| लोग असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ के बाहर मरने लगे| पैसे वाले à¤à¥€ à¤à¤• असà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾à¤² से दूसरे असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² के चकà¥à¤•à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¤®à¥à¤¬à¥à¤²à¥‡à¤‚सों में घूमने लगे|
छोटू अपने परिवार को देखने नेपाल चला गया, कमला à¤à¥€ à¤à¤• दिन छोड़ कर काम पर आने लगी|
शंकरी ताई की तबीयत à¤à¥€ कà¥à¤› बिगड़ने लगी| फिर कोविड टेसà¥à¤Ÿ करवाया गया| और जिस बात का डर था, वही हà¥à¤†,शंकरी ताई à¤à¥€ कोरोना पॉजिटिव हो गयी| कैसे? वह तो कहीं आती जाती à¤à¥€ नहीं थी|
शायद नरà¥à¤¸ से या कमला से? पर नरà¥à¤¸ तो सवसà¥à¤¥ है और वह तो हर तरह से टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¡ है और सफाई का ख़ास खà¥à¤¯à¤¾à¤² रखती है| मà¥à¤‚ह पर मासà¥à¤• पहन कर काम करती है|
कमला पर शक की सूई रà¥à¤•à¥€, जो दो दिन से काम पर à¤à¥€ नहीं आई थी| पता चला की कमला को à¤à¥€ कोरोना पॉजिटिव पाया गया है| मोहलà¥à¤²à¥‡ वाले à¤à¥€ घबरा कर कनà¥à¤¨à¥€ कतराने लगे| जो उन के कà¥à¤› रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° थे वे à¤à¥€ नज़र नहीं आ रहे थे|
कई असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ में फोन किये, कहीं à¤à¥€ बात नहीं बन रही थी| बैड नहीं मिल रहा था, और कहीं मिला तो ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ नहीं थी| मैं खà¥à¤¦ à¤à¥€ डर रहा था और बाकी के मरीजों की देखà¤à¤¾à¤² की जिमà¥à¤®à¥‡à¤µà¤¾à¤°à¥€ à¤à¥€ थी मà¥à¤ पर|
सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से पड़ोस वाले पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में à¤à¤• बैड मिल गया|
शंकरी ताई को अपनी छोड़ कमला की ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ चिंता हो गयी| उस ने मà¥à¤ से आगà¥à¤°à¤¹ किया कि मैं कमला के लिठà¤à¥€ असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में बैड का पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध करूं और उस की दवा दारू का पूरी तरह से इंतजाम करूं| उन का कहना था कि कमला के छोटे छोटे बचà¥à¤šà¥‡ हैं, मेरा कà¥à¤¯à¤¾, मैं ने अपनी ज़िनà¥à¤¦à¤—ी à¤à¤°à¤ªà¥‚र जी ली है|
मैं ने बहà¥à¤¤ कोशिश की कि कमला को असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में बैड मिल जाठपरनà¥à¤¤à¥ सफलता नहीं मिली| हाठदवा दारू का पूरा बंदोबसà¥à¤¤ किया उस के लिà¤|
शंकरी ताई के दोनों बेटों में से à¤à¤• à¤à¥€ नहीं आ सकता था, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ कि जहाज़ों के आने जाने पर काफी रोक लगी हà¥à¤ˆ थी| उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने oxygen concentrators का बंदोबसà¥à¤¤ करने की à¤à¥€ कोशिश की, परनà¥à¤¤à¥ डिलीवरी की समसà¥à¤¯à¤¾ थी|
बस असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² के डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ और नरà¥à¤¸à¥‹à¤‚ के सहारे पर थी वह| मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ जाने की इजाज़त नहीं थी|
कमला तो बच गयी परनà¥à¤¤à¥ शंकरी ताई नहीं बच पाई|
उस असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में आधे घंटे की ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ बची थी| मरीजों के परिजनों को बाहर से ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ सिलिंडर लाने को कहा गया, जो चोर बाज़ार से कई गà¥à¤¨à¤¾ कीमत देकर ही मिल पा रहे थे| परनà¥à¤¤à¥ बहà¥à¤¤ देर हो चà¥à¤•à¥€ थी|
असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में नई सपà¥à¤²à¤¾à¤ˆ दो घंटे बाद आई और इस बीच में वहां के 6 मरीजों की मौत हो गयी, जिस में à¤à¤• शंकरी ताई à¤à¥€ थी|
कà¥à¤¯à¤¾ उसे बचाया जा सकता था? कà¥à¤¯à¤¾ यह कà¥à¤¦à¤°à¤¤à¥€ मौत थी या इसे हà¥à¤¤à¥à¤¯à¤¾ कहा जाà¤?
यदि हà¥à¤¤à¥à¤¯à¤¾ थी तो किस किस को दोषी माना जाà¤?
उसके बेटों को, रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को, पड़ोसियों और समाज को, घर में काम करने वालों को, उन चोरबाजारी करने वालों को, डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ को, असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² और सरकार को या कोरोना को?
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